‘द इन्स्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन'{The instrument of accession}
भारत में जम्मू-कश्मीर के विलय में ‘द इन्स्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ को क़ानूनी दस्तावेज़ माना जाता है. 3 जून, 1947 को भारत के विभाजन की घोषणा के बाद रजवाड़ों के नियंत्रण वाले राज्य निर्णय ले रहे थे कि उन्हें किसके साथ जाना है.
‘स्टैंड्सस्टिल अग्रीमेंट'{Standstill agreement}
12 अगस्त 1947 को जम्मू-कश्मीर महाराज हरि सिंह ने भारत और पाकिस्तान के साथ ‘स्टैंड्सस्टिल अग्रीमेंट’ पर हस्ताक्षर किया. स्टैंड्सस्टिल अग्रीमेंट मतलब महाराजा हरि सिंह ने निर्णय किया जम्मू-कश्मीर स्वतंत्र रहेगा. वो न भारत में समाहित होगा और न ही पाकिस्तान में.
पाकिस्तान ने इस समझौते को मानने के बाद भी इसका सम्मान नहीं किया और उसने कश्मीर पर हमला कर दिया. पाकिस्तान में जबरन शामिल किए जाने से बचने के लिए महाराजा हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 को ‘इन्स्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर हस्ताक्षर किया.
इन्स्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होगा लेकिन उसे ख़ास स्वायत्तता मिलेगी.भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए केवल रक्षा, विदेशी मामलों और संचार माध्यमों को लेकर ही नियम बना सकती है.
अनुच्छेद 370{Article 370}
अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विेशेष राज्य का दर्जा दिया गया. इसमें कहा गया है कि संसद के पास जम्मू-कश्मीर के लिए संघीय सूची और समवर्ती सूची के तहत क़ानून बनाने के सीमित अधिकार हैं. ज़मीन, भूमि पर अधिकार और राज्य में बसने के मामले सबसे अहम हैं. भूमि जम्मू-कश्मीर का विषय है.
अनुच्छेद 35-ए{Article 35-A}
अनुच्छेद 35-ए भारत सरकार के लिए जम्मू-कश्मीर में सशर्त हस्तक्षेप करने का एकमात्र ज़रिया है. इसके साथ ही यह भी साफ़ कहा गया है कि संसद और संविधान की सामान्य शक्तियां जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगी.
August 5, 2019
NDA2, Government
अपनी राजनीतिक समझ और विपरीत परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सेना के सहयोग से कश्मीर घाटी तथा संसद भवन, दोनों ही जगह इन्होंने भारतीय जनता का विश्वास जीतने में कामयाबी हासिल की।
अंततः कश्मीर और लद्दाख दो अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बना दिए गए।
यहां के कानून अब संसद तय करेगी।
कश्मीर घाटी में अब अमन और शांति कायम होगी।
धरती के स्वर्ग का भारतीय संघ में पूर्णतः विलय होने पर सभी देशवासियों को बधाई।