हम सभी का कोई न कोई एक ऐसा विषेश स्थान होता है जहां पर हमें मन की शांति मिलती है। चाहे आप कितना भी परेशान क्यों न हो अगर आप उस विषेश स्थान पर कुछ वक्त गुजारते हैं तो आपको उक्त परेशानी से उबरने की नई शक्ति महसूस होती है और सकरात्मकता का संचार होता है।
तो ऐसे ही सभी लोग बचपन से या फिर कभी भी अपना एक या अधिक स्थान बना लेते हैं। मुझे लगता है हम उस स्थान को नहीं बल्कि वह हमें अपनाता है। उस जगह से न जाने कैसा रिश्ता बन जाता है।
गुप्त स्थान का यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि कोई यहां दुनिया से नजरें चुरा कर छिपने आता हो।
अपने अपने स्वभाव अनुसार लोगों के गुप्त स्थान भी अलग अलग होते हैं।
किसी को अपना कमरा तो किसी को घर की छत, कोई खेतों में तो कोई नदी किनारे, कुछ जंगल को तो कुछ समंदर को अपना सुख दुःख का साथी बनाते हैं।
मेरे भी ऐसे ही कुछ गुप्त स्थान है, लेकिन मेरे इन स्थानों में लोगों की आवाजाही होती रहती है फिर भी मुझे यहां मन को शांति मिलती है।इन मनोरम दृश्यों में कहीं खो जाता हूं।१.मेरे खेत
२.नर्मदा तट (ग्वारीघाट, जबलपुर)
दोनों जगह मुझमें सकारात्मकता भर देती है और यहां गुजारा गया वक्त घड़ी से नहीं गुजरता वह मेरा अपना होता है।
K_logs(केशव डेहरिया)
True… Visiting our secret Place is really worthy and it is also our storage of positive energies..
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The concept of secret place for everyone is fascinating. If a particular secret place becomes the cause of happiness for oneself, it is worth visiting time & again.
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केशव आपका यह गुप्त स्थान का concept तो बड़ा अच्छा हैं. मेरा ख़ास स्थान तो वही बन जाता हैं जहाँ भी मुझे शांति और एकांत मिल जाए अपने साथ समय बिताने के लिए. हाँ नदी , झरने हो तब सोने पर सुहागा हैं.
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जी धन्यवाद सराहना के लिए।
हां नदी और झरनों कि बात निराली है,
क्योंकि वहां हरियाली,हवा मतवाली है।
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