पुलवामा आतंकी हमला 14 फरवरी 2019
आज मौत भी रोई होगी,
कायरों के इस करतब से।
धरती कर्जदार हो गई,
मेरे वीरों की शहादत से।
कब तक राजनीति होगी,
इस नुकीली धारा 370 पे।
केवल कठोर निंदा करना,
श्रृद्धांजलि नहीं वीरों की।
बदला लेना मैं भी चाहता हूं,
लेकिन परिवर्तन जरूरी है।
और कितनी शहादत देखेगा देश,
अब आक्रामकता भी जरूरी है।
फ़िल्में बना कर राजनीति करता चौकीदार,
बना कारण वही पुलवामा में इस बार।
अब वक्त नहीं बतोले बनाने का,
दो आदेश आतंक मिटाने का।
नमन है बारम्बार मेरे वीरों को,
शमन है दिल्ली के धीरों को।
गर अब न मिलाया बारूद उनके जेहन में,
क्रांति की ज्वाला भड़क उठेगी वतन में।
छोटी सी कोशिश शहीद वीरों को श्रद्धांजलि देने की।
-k_logs (केशव डेहरिया)
Hi, great blog!
पसंद करेंLiked by 2 लोग
Hi ..
Thanks..
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति